बालात्कारियों की ऐसी कुछ सज़ा हो..., कि दूसरो को सबक मिले...और बालात्कारी अपने जीवन पर थूके...!
बालात्कारियों की ऐसी कुछ सज़ा हो..., कि दूसरो को सबक मिले...और बालात्कारी अपने जीवन पर थूके...! एस.एन.लाल बालात्कार रुकने का नाम ही नहीं ले रहे..., कम-ज़्यादा कहेंगे, तो राजनीतिक प्रश्न बन जायेगा..., वैसे गोगूल पर बालात्कार शब्द टाइप करके देखे..., किनके और कैसे चित्र आते हैं..! ये तो आप स्वयं ही देख…
नालन्दा विश्वविद्यायल को जिस तरह बदनाम करके जलवाया गया था 
नालन्दा विश्वविद्यायल को जिस तरह बदनाम करके जलवाया गया था  वही आज शायद...जहां जे.एन.यू. के साथ हो रहा है। लेकिन शिक्षा के मूल अधिकारों पर हमला तो न किया जाये। एस.एन.लाल दुख जब होता है जब प्रोफसर, इजंीनियर और डाक्टर स्तर के लोग शिक्षा पर हमले का पक्ष लेते है, वह चाहे जे.एन.यू के आंदोलन का मसला हो, य…
पड़ोस में झांकने की आदत ने हमको..हमही से जुदा कर दिया।
पड़ोस में झांकने की आदत ने हमको..हमही से जुदा कर दिया। एस.एन.लाल लाइट नहीं आ रही है, कम्प्लेन नहीं, बस पड़ोसी के यहां झांका, वहा भी लाइट नहीं... बस तब सुकून मिल जाता है। पड़ोसी के यहां क्या है..जो हमारे पास नहीं...बस इसी की फिक्र..!, हमारे पास जब इतना पैसा नहीं होता कि पड़ोसी की बराबरी करें, तो हम भ्रष…
जीत तो मुसलमानों की हुई है, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में
जीत तो मुसलमानों की हुई है, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में 'राममन्दिर तोड़ा गया' ये झूठ आस्ट्रेलिया के पादरी ने 1740 से 1785 ई0 में भारत भ्रमण के समय बोला था...! (यकजहती टाइम्स समाचार) एस.एन.लाल  देखे, जीत उसी को कहा जाता, जहां उद्देश्य की जीत होती है, आदलत में या मैदान में जीत केवल दिखाव…
तो क्या फिर मत्रियों और मंत्रालयों की आवश्यकता होगी !
तो क्या फिर मत्रियों और मंत्रालयों की आवश्यकता होगी ! एस.एन.लाल जब सब विभाग बिक जायेंगे, अधिकतर विभागों का नीजिकरण हो रहा है। यानि वहा किसी एक का आदेश चलेगा, विभाग का नीजिकरण होने के बाद वहां मालिक होंगे, एम.डी. होंगे, चेयरमैन होंगे, अध्यक्ष होंगे । एस.एन.लाल फिर मंत्रालयों और मंत्रियों का क्या काम…
मौलाना डा0 कल्बे सादिक़ साहब सभी वर्गो के मुसलमानों की सही पहचान...!
मौलाना डा0 कल्बे सादिक़ साहब सभी वर्गो के मुसलमानों की सही पहचान...! वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रदान ने कहां....! एस.एन.लाल  मौलाना कल्बे सादिक़ साहब के बारे में लोग सोंचेगे, पता नही क्यों लिख रहे...!, ये तो सभी मानते है मौलाना डा0 कल्बे सादिक़ साहब जैसा कोई मौलाना नहीं, क्योंकि वह इस्लाम को आज के दुनियाबी …